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बादल कब और कैसे फटते हैं, और बादल फटने पर कैसे बचें

मानसून के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटना आमतौर पर देखी जाने वाली प्राकृतिक घटना है, यह घटना नम हवा के बीच उच्च तापमान और दबाव के कारण घटित होती है.

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि बादल फटना क्या है, बादल कब और कैसे फटते हैं, बादल फटने पर कैसे बचें, भारी बारिश और बादल फटने में क्या अंतर है आदि. कृपया अंत तक बने रहें.

बादल फटना क्या है (What is Cloudburst in Hindi)

बादल फटना एक भयानक प्राकृतिक घटना है जिसमें किसी स्थान पर अचानक बहुत भारी बारिश होती है, इस बारिश की गति इतनी अधिक होती है कि पूरे क्षेत्र को तबाह कर सकती है, यह घटना एक या दो घंटे में 20 से 30 वर्ग किमी के क्षेत्र को पूरी तरह से जलमग्न कर सकती है.

बादल तापमान और आर्द्रता की मौसम संबंधी स्थितियों के कारण फटते हैं, जिससे बहुत तेज बारिश होती है, ये बारिश इतनी तेज़ होती है कि एक घंटे में 100 मिमी या उससे भी ज़्यादा पानी ज़मीन पर गिरता है.

यानी ये बारिश इतनी भारी होती है कि चंद सेकेंड में ही ज़मीन पर भूस्खलन और बाढ़ ला देती है, जिसमें लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने का भी समय नहीं मिल पाता है.

बादल कब और कैसे फटते हैं

बादल कब फटते हैं (in Which Month do Clouds Burst)

बादल फटने की घटनाएं आमतौर पर मानसून के मौसम के दौरान देखी जाती हैं, जो भारत में जून-जुलाई से अक्टूबर-नवंबर तक होता है.

बादल कैसे फटते हैं? (How Do Clouds Burst in Hindi)

बादल फटना, एक छोटे से क्षेत्र में अत्यधिक मात्रा में बारिश की प्राकृतिक घटना है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान अधिक होती है. नम हवा, उच्च तापमान, कम दबाव और तेज हवा, बादल फटने के मुख्य कारण हैं.

यह प्रक्रिया नम हवा से शुरू होती है, जिसमें जल वाष्प की मात्रा अधिक होती है, मानसून के दौरान तापमान बढ़ने से हवा में जल वाष्प की मात्रा और भी बढ़ जाती है, कम दबाव वाले पहाड़ी क्षेत्रों में बादलों का निर्माण आसानी से होता है, तेज हवा इन बादलों को एक स्थान पर इकट्ठा कर देती है, जिससे बादल फटने की संभावना बढ़ जाती है.

जब जल वाष्प ठंडी होती है, तो वह पानी की बूंदों में बदल जाती है, जिसे संघनन कहते हैं, बादलों में पानी की बूंदों का भार बढ़ने पर वे नीचे गिरने लगती हैं, जिससे भारी बारिश होती है, यदि एक छोटे से क्षेत्र में बहुत अधिक पानी गिरता है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है.

बादल फटने के प्रमुख कारण (Main Reasons For Cloud Burst)

भौगोलिक स्थिति - पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की संभावना अधिक होती है, ढलानें बादलों को एक स्थान पर इकट्ठा करती हैं, जिससे भारी बारिश होती है, कम दबाव भी बादलों के निर्माण को बढ़ावा देता है.

मौसम - मानसून के दौरान, हवा में नमी और तापमान बढ़ने से बादलों का निर्माण और विकास तेजी से होता है, तेज हवाएं बादलों को एक जगह इकट्ठा करती हैं, जिससे बादल फटने की संभावना बढ़ जाती है.

जलवायु परिवर्तन - जलवायु परिवर्तन तापमान और मौसम में बदलाव ला रहा है, जिससे बादलों का निर्माण और विकास अनिश्चित हो गया है, भारी बारिश की घटनाओं की संख्या और तीव्रता में भी वृद्धि हो रही है.

मानवीय गतिविधियां - वनों की कटाई और शहरीकरण जैसी मानवीय गतिविधियां भी बादल फटने की संभावनाओं को बढ़ाती हैं.

तेज बारिश और बादल फटने में क्या अंतर है (Difference Between Cloudburst & Heavy Rain)

जब बादल किसी स्थान पर फटने वाले होते हैं तो वे अपने अंदर बहुत सारा पानी संग्रहित कर लेते हैं, इस पानी के भंडारण के कारण बादल बड़े और भारी हो जाते हैं.

जब बादल इतने बहुत अधिक भारी हो जाते हैं और अधिक भार नहीं संभाल पाते हैं तो वे अचानक से फट जाते हैं और पानी बहुत तेजी से गिरता है. जिसे हम बादल फटना के नाम से जानते हैं. 

ऐसी स्थिति में वर्षा बहुत ही तेजी से होती है और वह तुरंत जमीन पर गिरती है, जिससे जमीन की असमर्थता होती है और बाढ़ का भी खतरा रहता है.

इसके विपरीत, भारी बारिश की बौछारें धीरे-धीरे होती हैं और एक विशेष तापमान और आर्द्रता पर कुछ घंटों तक रहती हैं, भारी बारिश से अचानक बाढ़ का खतरा नहीं होता है क्योंकि पानी धीरे-धीरे नालों आदि के माध्यम से बहता है और भूमि इसे संभाल लेती है.

बादल फटने की प्रमुख घटनाएं

बादल (मेघ) फटने की घटना भारत में कई बार हो चुकी हैं, इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं.

17 अगस्त 1998 को मालपा गांव में बादल फटा और भूस्खलन हुआ था.

6 जुलाई 2004 को बद्रीनाथ में बादल फटा था.

सितंबर 2010 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बादल फटने से दो गाँव डूब गए थे.

जून 2013 को उत्तराखंड के केदारनाथ में बादल फटने से भीषण त्रासदी हुई थी.

जुलाई 2022 में ही अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से त्रासदी हुई थी.


बादल फटने पर कैसे बचें (How to survive a cloud burst)

बादल फटना एक प्राकृतिक आपदा है जो अचानक और बिना किसी चेतावनी के आ सकती है, यह जानना महत्वपूर्ण है कि इस आपदा से कैसे बचा जाए.

सुरक्षित रहने के लिए

• मौसम विभाग की चेतावनी का पालन करें और बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में रहने से बचें, यदि आप बाढ़-प्रवण क्षेत्र में रहते हैं, तो आपातकालीन योजना बनाएं.

• यदि आप बादल फटने की चेतावनी सुनते हैं, तो तुरंत ऊंचाई वाले स्थानों पर जाएं और नदियों और नालों से दूर रहें.

• बाढ़ में फंसने पर जीवन रक्षक उपकरणों का उपयोग करें, तैरने का प्रयास न करें, और दूसरों को बचाने के दौरान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें.

• आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें और आसपास के लोगों से मदद मांगें.

• बाढ़ के पानी में न जाएं, दूषित भोजन और पानी का सेवन न करें, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें.


अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए

• अपने घर में आपातकालीन किट रखें, आपातकालीन संपर्क योजना बनाएं, और बाढ़ के बारे में जानकारी प्राप्त करें.

• अपने समुदाय के साथ मिलकर काम करें और बाढ़ से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें.

• याद रखें, बादल फटने की घटना से बचाव संभव है यदि आप सतर्क रहें और आवश्यक कदम उठाएं.


FAQ Section बादल कब और कैसे फटते हैं ?

प्रश्न - बादल को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? 
उत्तर - बादल को English में Cloud कहते है.

प्रश्न - बादलों में पानी कहाँ से आता है?
उत्तर - बादलों में पानी नदियों, समुद्रों, तालाबों तथा अन्य जलस्रोतों से सूर्य की किरणों से वाष्पित होकर ऊपर उड़ता है और बादलों में मिल जाता है.

प्रश्न - बादल फटने का कारण क्या है?
उत्तर - इस लेख में बादल फटने के सभी कारण बताए गए हैं जिन्हें आपको पढ़ना चाहिए.

प्रश्न - बादल फटने का मतलब क्या है?
उत्तर - बादल फटने का अर्थ है किसी स्थान पर अचानक भारी बारिश होना, इस बारिश की गति इतनी होती है कि यह एक या दो घंटे में पूरे क्षेत्र को तबाह कर सकती है.

प्रश्न - बादल फटने से क्या क्या नुकसान होते हैं?
उतर - बादल फटने से भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएं आती हैं.

प्रश्न - क्या बादल फटने की भविष्यवाणी की जा सकती है?
उत्तर - नहीं, क्योंकि मौसम विज्ञानियों के पास अभी तक यह जानने की क्षमता नहीं है कि किसी विशेष स्थान पर कितनी बारिश होने की संभावना है.

निष्कर्ष: Badal Kab Aur Kaise Fatte Hain हिन्दी में

इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि बादल फटना किसे कहते हैं, बादल कब और कहाँ फटता है, भारी बारिश और बादल फटने में क्या अंतर है, बादल फटने के दौरान किस तरह करें बचाव इत्यादि.

उम्मीद है आपको बादल कब और कैसे फटते हैं, बादल फटने पर कैसे बचें से संबंधित यह जानकारी पसंद आई होगी. कृप्या इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करें.

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