यदि आप एक ब्लॉगर हैं और आपकी वेबसाइट सर्च इंजन में अच्छे से रैंक नहीं कर रही है तो हो सकता है कि आपकी साइट में Pogo Sticking की समस्या हो. अक्सर नए ब्लॉगर इस समस्या से अनजान होते हैं, लेकिन यह वेबसाइट की Ranking के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
आज हम इस लेख में पोगो स्टिकिंग के बारे में विस्तार से जानेंगे. हम समझेंगे कि Pogo Sticking क्या है, Pogo Sticking होने के कारण क्या हैं और Pogo Sticking को कैसे कम करें.
चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं What is Pogo Sticking in Hindi) लेख को
Pogo Sticking क्या है (What is Pogo Sticking in Hindi)
जब यूजर अपनी किसी Query को सर्च इंजन (गूगल) में सर्च करता है तो उसे अपनी Query से सम्बंधित बहुत सारे वेबसाइट (परिणाम) देखने को मिलते हैं, लेकिन कई बार पहले रिजल्ट पर यूजर के सवाल का जवाब नहीं मिल पाता है तो फिर यूजर एक वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट पर क्लिक करते रहता है, लगातार क्लिक करने की इस Process को ही Pogo Sticking कहा जाता है.
User की इस गतिविधि से सर्च इंजन को संकेत जाता है कि पहली, दूसरी, तीसरी वेबसाइट पर कंटेंट यूजर की उस Query के Relevant नहीं है, इसलिए गूगल उस Particular कीवर्ड पर उन वेबसाइट की Ranking Down कर देता है और ऐसी वेबसाइट को पहले नंबर पर रैंकिंग देता है, जिनमें जाने के बाद यूजर को Same Query के लिए अन्य वेबसाइट में विजिट नहीं करना पड़ता है.
यहाँ ध्यान देने योग्य बात ये है कि यूजर अपनी Query नहीं बदल रहा है, यदि यूजर अपनी क्वेरी बदलता है तो वह गतिविधि Pogo Sticking के अंतर्गत नहीं आती है, Pogo Sticking को हम निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं.
What is Pogo Sticking in Hindi |
Pogo Sticking की परिभाषा
Pogo Sticking ऐसी गतिविधि को कहते हैं जिसमें User सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) से किसी वेबसाइट पर जाता है, और फिर बहुत जल्दी वापस SERP पर आ जाता है, ऐसी गतिविधि आम तौर पर तब होती है जब User को उस ब्लॉग पर वह जानकारी नहीं मिलती जो वह खोज रहा होता है.
Pogo Sticking के कारण
Pogo Sticking के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं.
• वेबसाइट की Speed कम होना.
• कंटेंट की Quality में कमी होना.
• कंटेंट लिखने से पहले Keyword Research नहीं करना.
• User के आते ही वेबसाइट पर कई Pop-up window का खुलना.
• वेबसाइट पर बहुत सारे विज्ञापनों का होना जिससे User को पढ़ने में समस्या आ रही हो.
• वेबसाइट का design सही न होना.
Pogo Sticking को कम कैसे करें
अब तक आपने जाना कि Pogo Sticking Kya Hai, चलिए अब इसको कम करने के तरीकों के बारे में भी जान लेते हैं. Pogo Sticking को कम करने के लिए आप नीचे बताए गए तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
1. Search Intent को ध्यान में रखकर कंटेंट लिखें
हमेशा Search Intent को ध्यान में रखकर ब्लॉग पोस्ट लिखें, अगर आप सर्च इंटेंट, यानी यूज़र के क्वेरी सर्च करने के पीछे क्या इरादा है, इसे अच्छे से समझेंगे और फिर उसके अनुसार अपना ब्लॉग पोस्ट बनाएंगे तो आपको Pogo Sticking जैसी गतिविधियों के बारे में अधिक नहीं सोचना पड़ेगा.
2. Internal Linking करें
यूजर को अपनी साइट पर बनाए रखने के लिए इंटरनल लिंकिंग एक बेहतर और आसान तरीका है, Internal Linking के द्वारा आप यूजर को उसकी Query से Related और अधिक इनफार्मेशन दे सकते हैं, Internal Linking SEO में बहुत Powerful होती है, अगर आप एक सही रणनीति के तहत Internal Linking करते हैं तो आपकी वेबसाइट की रैंकिंग भी Improve होती है.
3. वेबसाइट की स्पीड बढ़ाएं
Pogo Sticking में वेबसाइट की Speed भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है, यदि आपकी वेबसाइट लोड होने में अधिक समय लेती है तो यूजर आपकी वेबसाइट से बाउंस बैक कर लेगा और इससे आपकी रैंकिंग भी Down हो जाएगी, वेबसाइट की लोडिंग स्पीड Check करने के लिए आप GTmetrix, Google PageSpeed Insights जैसे टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
4. सही Font Size का इस्तेमाल करें
ब्लॉग का Font Size पोगो स्टिकिंग जैसी Activity को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर है, आपको न तो बहुत बड़ा और न ही बहुत छोटा फ़ॉन्ट इस्तेमाल करना चाहिए, आप अपने ब्लॉग पोस्ट में एक आदर्श फ़ॉन्ट साइज का इस्तेमाल करें, जिससे यूजर को आपका ब्लॉग पढ़ने में आसानी होगी, एक साधारण ब्लॉग के लिए 15 से 18 PX Font Size आदर्श है.
5. Table of Content बनाएं
Table of Content ब्लॉग के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, यह यूजर को ब्लॉग में अपनी क्वेरी को जल्दी से Find करने में मदद करता है, कई बार यूजर पूरा आर्टिकल पढ़ने के बजाय केवल वही चीजें पढ़ना चाहता है जो उसके लिए महत्वपूर्ण हैं.
अगर आपका ब्लॉग पोस्ट लंबा है तो यूजर को अपनी क्वेरी सर्च करने में परेशानी हो सकती है जिसकी वजह से वह वेबसाइट से बैक आउट हो सकता है, Table of Contents के जरिए यूजर अपनी क्वेरी को कंटेंट की शुरुआत में आसानी से ढूंढ सकता है और पूरा ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बजाय अपने मतलब की इनफार्मेशन ले सकता है.
6. पुराने पोस्ट को अपडेट करें
अपने पुराने ब्लॉग पोस्ट को नियमित रूप से अपडेट करते रहें, ब्लॉग पोस्ट को अपडेट करने से आपकी कोई भी पोस्ट Out of Date नहीं होती है, आप Publish Date के स्थान पर Updated Date का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे यूजर को पता चल जाएगा कि आपका Content Fresh है.
Pogo Sticking और Bounce Rate में अंतर
Pogo Sticking और Bounce Rate दोनों ही वेबसाइट का analysis करने में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण मेट्रिक्स हैं, लेकिन इनके अर्थ और कारण अलग-अलग हैं.
• Pogo Sticking में यूजर वेबसाइट पर 4 - 5 सेकंड भी नहीं रुकते हैं. बाउंस रेट में यूजर वेबसाइट पर 4 - 5 सेकंड से ज्यादा रुक सकते हैं.
• Pogo Sticking में यूजर वेबसाइट के कंटेंट से संतुष्ट नहीं होते हैं. बाउंस रेट में यूजर वेबसाइट के कंटेंट से संतुष्ट भी हो सकते हैं और नहीं भी.
• Pogo Sticking सर्च इंजन रिजल्ट पेज से अधिक सम्बंधित है. जबकि बाउंस रेट वेबसाइट से ज्यादा सम्बंधित है.
यह लेख भी पढ़ें -
• Off Page SEO कैसे करें
• Canonical Tag क्या है
• Technical SEO क्या है
• On Page SEO कैसे करें
निष्कर्ष: Pogo Sticking Kya Hai (What is Pogo Sticking in Hindi)
संपेक्ष में कहें तो Pogo Sticking एक Strong सिग्नल होता है जो सर्च इंजन को बताता है कि यूजर परिणामों से संतुष्ट नहीं हैं.
इस लेख में इतना ही, उम्मीद है आपको Pogo Sticking Kya Hai लेख पसंद आया होगा. यदि हां, तो इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. लेख में अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद.
0 टिप्पणियाँ